| فهرست مطالب عنوان صفحه |
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| فصل اول : مقدمه | ||
| 1-1 كلیات .. . ……………………………… . . . | 1 | |
| 1-2 بیان مسئله ……………………………. .. . | 2 | |
| 1-3 هدف از پژوهش ……………………………………… . | 2 | |
| 1-4 چگونگی دستیابی به اهداف پژوهش……………………….. . | 3 | |
| 1-5 ساختار پایان نامه ………………………………………. . | 4 | |
| فصل دوم : كلیات و مروری بر ادبیات فنی | ||
| 2-1 مقدمه . … | 7 | |
| 2-2 فلسفه بهسازی .. … . …………………………………… . | 7 | |
| 2-2- 1 تعریف بهسازی ….. ………………….. . . …… | 8 | |
| 2-2- 2 دامنه كاربرد . . .. … | 9 | |
| 2-2- 3 روش های بهسازی ……… . … | 10 | |
| 2-3 شمع و کاربرد آن در بهسازی خاک …… | 13 | |
| 2-3-1 موارد استفاده از شمع …… .. | 13 | |
| 2-3-2 انواع شمع از لحاظ مکانیسم عمل . ………………………… .. | 15 | |
| 2-3-3 اثرات بهسازی تراکمی . …………………………… | 16 | |
| 2-4مروری بر مطالعات گذشتگان …………………………….. . … .. | 19 | |
| 2-4-1 مطالعات انجام شده در خصوص استفاده از المان های تقویتی افقی | 20 | |
| 2-4-2 مطالعات انجام شده در خصوص استفاده از المان های تقویتی غیر افقی | 24 | |
| فصل سوم : مدل سازی نرم افزاری و آزمایشگاهی | ||
| 3-1 مقدمه . . .. | 34 | |
| 3-2 تعریف مدل رفتار . . | 35 | |
| 3-3 مشخصات یک مدل رفتاری مطلوب ……. | 35 | |
| 3-4- روش اجزاء محدود .. .. . | 36 | |
| 3-4-1 تاریخچه روش اجزاء محدود . | 37 | |
| 3-4-2 روش مدل نمودن فضای بینهایت توسط المان محدود ……… . . . | 38 | |
| 3-4-3 معرفی نرم افزار Geostudio-Sigma و هدف از انتخاب آن . .. | 40 | |
| 3-4-4-1 معرفی برنامۀ SIGMA/W . . | 42 | |
| 3-4-4-2 کاربرد برنامۀ SIGMA/W . . . | 42 | |
| 3-4-4-3 امکانات و قابلیت های برنامۀ SIGMA/W . .. | 43 | |
| 3-4-4 روند ساخت مدل . | 54 | |
| 3-4-4-1 انتخاب سیستم واحد . . | 54 | |
| عنوان صفحه | ||
| 3-4-4-2 انتخاب المانهای مورد استفاده . . .. .. | 56 | |
| 3-4-4-3 خواص مواد .. … | 56 | |
| 3-4-4-4 مدل سازی هندسی .. .. . | 57 | |
| 3-4-4-5 مش بندی . . . | 58 | |
| 3-4-4-6 اعمال شرایط مرزی و بارگذاری. . .. .. | 58 | |
| 3-4-5 تحلیل مدل اجزاء محدود . . | 59 | |
| 3-5 جزئیات مدل سازی در نرم افزار SIGMA/W .. | 60 | |
| 3-5-1 انتخاب المان … | 60 | |
| 3-5-2 مدل سازی هندسی و مش بندی . | 61 | |
| 3-5-3 پارامترهای هندسی . . | 62 | |
| 3-5-4 پارامترهای مقاومتی . .. | 63 | |
| 3-5-5 اعمال شرایط مرزی و بارگذاری . .. . . | 64 | |
| 3-5-6 نوع تحلیل .. . . .. | 64 | |
| 3-6 تحقیق آزمایشگاهی . . . | 65 | |
| 3-6-1 جزئیات مدل آزمایشگاهی … . | 65 | |
| 3-6-2 روند کلی انجام آزمایش . | 67 | |
| 3-7 مشخصات مدل مورد استفاده جهت اعتبار یابی .. . . | 68 | |
| فصل چهارم : نتایج تحلیلها ( نرمافزاری و آزمایشگاهی) | ||
| 4-1 مقدمه . .. . .. | 70 | |
| 4-2 اعتبار سنجی مدل . | 70 | |
| 4-2-1 استفاده از فرمول تئوری جهت اعتبارسنجی نرم افزار . . | 71 | |
| 4-2-1-1 مقایسه نشست خاك حاصل از تحلیل دستی و نرم افزاری | 71 | |
| 4-2-1-2 مقایسه تنش در خاك حاصل از تحلیل دستی و نرم افزاری . | 75 | |
4-2-2 استفاده از نتایج تحقیق آزمایشگاهی جهت اعتبار سنجی . . .
|
76 | |
| 4-2-2-1 شرح آزمایش و نتایج بدست آمده از آن . ….. | 77 | |
| 4-2-2-2 شرح تحلیل کامپیوتری و مقایسه با نتایج آزمایشگاهی ….. | 78 | |
| 4-3 بررسی اثرات استفاده از المان های قائم فولادی با بهره گرفتن از نرم افزار SIGMA/W .. .. | 80 | |
| 4-3-1 تأثیر فاصلۀ المان های فولادی (S) .. .. . | 88 | |
| 4-3-2 تأثیر میزان پراكندگی المان ها از بر فونداسیون ® . . | 95 | |
| 4-3-3 تأثیر طول المان های فولادی (L) . .. | 101 | |
| 4-3-4 تأثیر قطر المان ها (D) . . | 107 | |
| 4-4 بررسی آزمایشگاهی اثر المان های قائم فولادی بر ظرفیت باربری خاك ماسه ای .. | 113 | |
| 4-4-1 شرح جزئیات انجام آزمایش . . | 113 | |
| عنوان صفحه | ||
| 4-4-2 نتایج انجام آزمایش ها . . … | 116 | |
| فصل پنجم : نتیجه گیری و پیشنهادات | ||
| 4-1 مقدمه . .. . .. | 120 | |
| 6-2- نتیجه گیری .. . | 120 | |
| 6-3- پیشنهاداتی جهت تحقیقات آینده . .. … | 122 | |
| منابع و مآخذ . .. . | 124 | |
| |
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| فهرست شکل ها | ||
| شکل 2- 1: تقسیم بندی کاربرد روشهای بهسازی خاک | 9 | |
| شکل 2- 2: انواع روش های بهسازی خاک | 10 | |
| شکل 2-3: کاربرد روش های بهسازی بر حسب نوع خاک | 12 | |
| شکل 2-4: اثر بهسازی تراکمی بر خاک های ریزدانه و درشت دانه | 17 | |
| شکل 2-5: اثر افزایش تراکم بر چسبندگی | 18 | |
| شکل 2-6: اثر افزایش تراکم بر زاویه برشی ماسه | 18 | |
| شکل 2- 7: دایره مور برای خاک های غیر مسلح و مسلح | 20 | |
| شکل 2-8: (a)-پوش های گسیختگی برای خاک غیر مسلح و مسلح، (b)- دیاگرام نیرو برای خاک مسلح | 21 | |
| شکل 2-9: استفاده ازعناصر تسلیح عمودی و افقی (a)-نمای سه بعدی، (b)- نمای برش از روبرو | 31 | |
| شکل 2-10 :تأثیر مسلح کننده ها بر تعادل (a)-مسلح کننده های افقی، (b)- نمای برش روبرو | 31 | |
| شکل 3-1 :روند همگرایی تغییرمکان ها با تکرار تحلیل | 43 | |
| شکل 3-2 :نمونه ای از نتایج گرافیکی تغییرمکان گره | 44 | |
| شکل 3-3 :جعبه تنظیمات انواع آنالیز ها (Type Analaysis Setting ) | 49 | |
| شکل 3-4 : نمودار تنش-كرنش مدل مصالح از نوع الاستیک خطی | 50 | |
| شکل 3-5 : نمودار تنش-كرنش مدل مصالح از نوع الاستیک خطی غیر همگن | 50 | |
| شکل 3-6 : نمودار تنش-كرنش مدل مصالح از نوع الاستیک غیر خطی | 51 | |
| شکل 3-7 : نمودار تنش-كرنش از مدل مصالح از نوع الاستو پلاستیک | 51 | |
| شکل 3-8 : نمودار تنش-كرنش از مدل مصالح از نوع نرم شوندگی کرنش | 52 | |
| شکل 3-9 : نمودار تنش-كرنش از مدل مصالح از نوع Cam Clay, modified Cam Clay | 52 | |
| شکل 3-10 :جعبه تنظیمات مقیاس(Scale)در نرم افزار Sigma | 55 | |
| شکل 3-11 : استفاده از المان سازه ای Bar Element در روند تحلیل | 61 | |
| شکل 3-12 : جزئیات ترسیم هندسی و تغییر در ابعاد مش بندی مدل اجزاء محدود | 62 | |
| شکل 3-13 : جزیئات دستگاه بارگذاری استفاده شده در تحقیق حاضر | 66 | |
| شکل 3- 14 : دستگاه بارگذاری در حال انجام آزمایش | 66 | |
| شکل 4- 1 : شكل شماتیک مدل مورد استفاده در اعتبار سنجی نرم افزار | 71 | |
| شکل 4- 2 : نمودار تعیین مقادیر α با توجه به نسبت ابعاد پی | 72 | |
| شکل 4- 3 : نمونه ای از كانتور نشست حاصل از تحلیل كامپیوتری | 74 | |
| شکل 4- 4 :كانتور تنش حاصل از تحلیل كامپیوتری | 76 | |
| شکل 4- 5 : دانه بندی خاك ماسه ای مورد استفاده در آزمون های آزمایشگاهی | این مطلب را هم بخوانید : روانشناسی کودک |
77 |
| شکل 4- 6 : دستگاه در حین انجام آزمون بارگذاری بر روی خاک بکر | 78 | |
| شکل 4- 7: نمودار های بار- نشست حاصل از نتایج آزمون آزمایشگاهی و تحلیل كامپیوتری | 79 | |
| فهرست شکل ها | ||
| شكل 4- 8: فلوچارت تحلیلهای كامپیوتری | 81 | |
| شكل 4- 9: نمایی از آرایش المان های فولادی در سیستم خاك- پی | 82 | |
| شكل 4- 10: منحنی تغییرات توان باربری بر حسب نشست برای پی به عرض B=1.0m و L=2B, R=2B. | 89 | |
| شكل 4- 11: منحنی تغییرات توان باربری بر حسب نشست برای پی به عرض B=1.5m و L=2B, R=2B. | 89 | |
| شكل 4- 12: منحنی تغییرات توان باربری بر حسب نشست برای پی به عرض B=2.0m و L=2B, R=2B. | 90 | |
| شكل 4- 13: منحنی تغییرات توان باربری بر حسب نشست برای پی به عرض B=3.0m و L=2B, R=2B. | 90 | |
| شكل 4- 14 : منحنی تغـییرات BCR بر حسب (S/B) برای پی به عرض B=1.0m | 91 | |
| شكل 4- 15 : منحنی تغـییرات BCR بر حسب (S/B) برای پی به عرض B=1.5m | 91 | |
| شكل 4- 16 : منحنی تغـییرات BCR بر حسب (S/B) برای پی به عرض B=2.0m | 92 | |
| شكل 4- 17 : منحنی تغـییرات BCR بر حسب (S/B) برای پی به عرض B=3.0m | 92 | |
| شکل 4- 18 : نحوه توزیع تنش در خاك و عملكرد بلوك در زیر پی در حضور المان های فولادی نزدیک به هم | 94 | |
| شكل 4- 19: منحنی تغییرات توان باربری بر حسب نشست برای پی به عرض B=1.0m و L=2.0B, S=0.2B. | 96 | |
| شكل 4- 20: منحنی تغییرات توان باربری بر حسب نشست برای پی به عرض B=1.5m و L=2.0B, S=0.17B. | 96 | |
| شكل 4- 21: منحنی تغییرات توان باربری بر حسب نشست برای پی به عرض B=2.0m و L=2.0B, S=0.12B. | 97 | |
| شكل 4- 22: منحنی تغییرات توان باربری بر حسب نشست برای پی به عرض B=3.0m و L=2.0B, S=0.08B. | 97 | |
| شکل 4- 23 : منحنی تغـییرات BCR بر حسب (R/B) برای پی به عرض B=1.0 m | 98 | |
| شکل 4- 24 : منحنی تغـییرات BCR بر حسب (R/B) برای پی به عرض B=1.5 m | 98 | |
| شکل 4- 25 : منحنی تغـییرات BCR بر حسب (R/B) برای پی به عرض B=2.0 m | 99 | |
| شکل 4- 26 : منحنی تغـییرات BCR بر حسب (R/B) برای پی به عرض B=3.0 m | 99 | |
| شکل 4-27 : شكل شماتیک چگونگی تأثیر المان های فولادی در عدم فرار دانه های خاك در هنگام تشكیل گوه گسیختگی | 101 | |
| شكل 4- 28: منحنی تغییرات توان باربری بر حسب نشست برای پی به عرض B=1.0m و R=1.0B, S=0.2B. | 102 | |
| شكل 4- 29: منحنی تغییرات توان باربری بر حسب نشست برای پی به عرض B=1.5m و R=1.0B, S=0.17B. | 102 | |
| فهرست شکل ها | ||
| شكل 4- 30: منحنی تغییرات توان باربری بر حسب نشست برای پی به عرض B=2.0m و R=1.0B, S=0.12B. | 103 | |
| شكل 4- 31: منحنی تغییرات توان باربری بر حسب نشست برای پی به عرض B=3.0m و R=1.0B, S=0.08B. | 103 | |
| شكل 4- 32: منحنی تغـییرات BCR بر حسب (L/B) برای پی به عرض B=1.0 m | 104 | |
| شكل 4- 33: منحنی تغـییرات BCR بر حسب (L/B) برای پی به عرض B=1.5 m | 104 | |
| شكل 4- 34: منحنی تغـییرات BCR بر حسب (L/B) برای پی به عرض B=2.0 m | 105 | |
| شكل 4- 35: منحنی تغـییرات BCR بر حسب (L/B) برای پی به عرض B=3.0 m | 105 | |
| شکل 4- 36 : قرارگیری المان های فولادی در محدوده حباب تنش تأثیر در زیر پی | 107 | |
| شكل 4- 37: منحنی تغییرات توان باربری بر حسب نشست برای پی به عرض B=1.0m و R=1.0B, S=0.2B و L=2.0B. | 108 | |
| شكل 4- 38: منحنی تغییرات توان باربری بر حسب نشست برای پی به عرض B=1.5m وR=1.0B, S=0.17B وL=2.0B | 108 | |
| شكل 4- 39: منحنی تغییرات توان باربری بر حسب نشست برای پی به عرض B=2.0m وR=1.0B, S=0.12B و L=2.0B | 109 | |
| شكل 4- 40: منحنی تغییرات توان باربری بر حسب نشست برای پی به عرض B=3.0m وR=1.0B, S=0.08B وL=2.0B | 109 | |
| شكل 4- 41: منحنی تغـییرات BCR بر حسب (D/B) برای پی به عرض B=1.0 m | 110 | |
| شكل 4- 42: منحنی تغـییرات BCR بر حسب (D/B) برای پی به عرض B=1.5 m | 110 | |
| شكل 4- 43: منحنی تغـییرات BCR بر حسب (D/B) برای پی به عرض B=2.0 m | 111 | |
| شكل 4- 44: منحنی تغـییرات BCR بر حسب (D/B) برای پی به عرض B=3.0 m | 111 | |
| شکل 4- 45 : تقسیم بندی 10 سانتیمتری ارتفاع جعبه برش جهت انجام تراكم یكنواخت خاك ماسه ای | 114 | |
| شکل 4- 46 : نمایی از خاك مسلح شده با بهره گرفتن از المان های قائم فولادی | 114 | |
| شکل 4- 47: تنظیمات اولیه جهت انجام آزمایش- الف: هم تراز نمودن سطح المان ها، ب:كنترل تراز بودن | 115 | |
| شکل 4- 8 4: نمودار بار- نشست برای مدل آزمایشگاهی خاك مسلح شده به وسیله المان های فولادی با قطر های مختلف | 116 | |
| شكل 4- 49: منحنی تغـییرات BCR در مـقابل قطر نـرمـالایــزه شـده (D/B) برای آزمون های آزمایشگاهی | 117 | |
| فهرست جدول ها | ||
| جدول 3- 1 : نمونه ای از مجموعه واحد هایی که می توان | 55 | |
| جدول 3- 2 : پارامترهای هندسی در نظر گرفته شده برای المان فولادی و پی | 63 | |
| جدول 3- 3 : مشخصات مقاومتی مصالح خاک | 63 | |
| جدول 3- 4 : مشخصات مقاومتی مصالح المان های قائم | 64 | |
| جدول 4- 1 : نتایج نشست خاك حاصل از تحلیل دستی و نرم افزاری | 73 | |
| جدول 4- 2 : نتایج تنش در خاك حاصل از تحلیل دستی و نرم افزاری | 75 | |
| جدول 4- 3 : مشخصات هندسی و مقاومتی مدل آزمایشگاهی | 77 | |
| جدول 4- 4 : نشست خاك حاصل از نتایج آزمون آزمایشگاهی و تحلیل نرم افزاری | 79 | |
| جدول 4- 5 : پارامترهای متغیر در تحلیل كامپیوتری | 82 | |
| جدول 4- 6 : نتایج آنالیز نرم افزاری برای پی با بعد B=1.0m | 84 | |
| جدول 4- 7 : نتایج آنالیز نرم افزاری برای پی با بعد B=1.5m | 85 | |
| جدول 4- 8 : نتایج آنالیز نرم افزاری برای پی با بعد B=2.0m | 86 | |
| جدول 4- 9 : نتایج آنالیز نرم افزاری برای پی با بعد B=3.0m | 87 | |
4-5-3-تعیین ماتریس نرمی دینامیکی 88
4-6-توابع نرمی با بهره گرفتن از ترکیب روش های المان محدود و المان نامحدود 92
4-6-1-توابع نرمی دینامیکی 94
4-7-اثر عمق سنگ بستر 95
4-8-تکنیک انتگرال گیری عددی نیوتن-کوتس 98
فصل پنجم: نتیجه گیری و پیشنهادات
نتیجه گیری و پیشنهادات 102
فصل ششم: منابع و مراجع
منابع و مراجع 105
فهرست شکلها
عنوان صفحه
شکل 1-1-اندرکنش سینماتیکی و اینرسی برای سازه با پی صلب 4
شکل 3-1-نیم فضا تحت اثر بار هارمونیک 16
شکل 3-2-لمان سرندپیتی هشت گرهی صفحهای در دستگاه مختصات کارتزین 21
شکل 3-3-المان هشت گرهی در مختصات کلی و مختصات محلی 22
شکل 3-4-محل قرار گیری نقاط نمونه گیری برای تابع دو بعدی در حالات مرتبه دو و مرتبه سه 30
شکل 3-5-انتشار امواج در نواحی مختلف حیطه مسئله 31
شکل 3-6-المان نامحدود در مختصات کلی و مختصات محلی 33
شکل 3-7-نمایش طول المان نامحدود در جهت محور 35
شکل 3-8-المان نامحدود در مختصات کلی و مختصات محلی 38
شکل 3-9-استهلاک دامنه امواج هارمونیک در محیط بینهایت 45
شکل 3-10-هندسهای برای تعیین ضریب استهلاک دامنه 48
شکل 3-11-هندسهای برای تعیین ضریب استهلاک دامنه 51
شکل 4-1-مدل محاسباتی جهت بررسی صحت برنامه نوشته شده المان محدود 67
شکل 4-2-نمایش شماتیک اندرکنش خاک-پی-سازه بصورت شماتیک، فقط برای تحریک قائم 69
شکل 4-3-پی نواری صلب بدون جرم روی نیم فضا و نیروها و لنگر مؤثر بر آن در حالت دو بعدی 70
شکل 4-4-شبکه بندی پی ویسکوالاستیک نیمه بینهایت 74
شکل 4-5-قسمت حقیقی نرمی بیبعد، بارگذاری در جهت ، جابجایی در جهت 77
شکل 4-6-قسمت حقیقی نرمی بیبعد، بارگذاری در جهت ، جابجایی در جهت 77
شکل 4-7-قسمت حقیقی نرمی بیبعد، بارگذاری در جهت ، جابجایی در جهت 78
شکل 4-8-قسمت موهومی نرمی بیبعد، بارگذاری در جهت ، جابجایی در جهت 78
شکل 4-9-قسمت حقیقی نرمی بیبعد، بارگذاری در جهت ، جابجایی در جهت 79
شکل 4-10-قسمت موهومی نرمی بیبعد، بارگذاری در جهت ، جابجایی در جهت 79
شکل 4-11-توصیف ضرایب تأثیر نرمی دینامیکی 81
شکل 4-12-شکل توصیف بارگذاری 82
شکل 4-13-ضرایب تأثیر نرمی دینامیکی برای تنش اعمالی قائم 83
شکل 4-14-نقاط گرهی و المانهای واقع در مرز مشترک خاک-سازه 85
شکل 4-15-توابع نرمی دینامیکی برای لایه خاک واقع بر بستر سنگی 94
شکل 4-16-اثر عمق سنگ بستر بر قسمت حقیقی نرمی دینامیکی 96
شکل 4-17-اثر عمق سنگ بستر بر قسمت موهومی نرمی دینامیکی 96
شکل 4-18- اثر عمق سنگ بستر بر دامنه جابجایی وسط پی 97
فهرست جداول
عنوان صفحه
جدول 3-1-محل نقاط نمونه گیری و ضرایب وزنی برای گائوس کوآدرچر در بازه تا 29
1- مقدمه
⦁ مقدمهای بر اندرکنش خاک-سازه
اندرکنش خاک-سازه یکی از موضوعات چالش بر انگیز در مهندسی عمران است. درهر سازه متصل به زمین، اندرکنش بین خاک زیر پی و سازه میتواند اثرات قابل ملاحظهای هم روی سازه و هم روی پـــی و خاک قرار گرفته در زیر آن بگذارد. موضوع اندرکنش خاک-سازه برای سازه های حجیم که برروی خاکهای سست قرار گرفته بودند مورد توجه قرار گرفت. به عنوان مثال سازه هایی مثل نیروگاه های هستهای، سدهای بتنی، از جمله این موارد هستند. همچنین سازه هایی مثل پلها، تونلها و سازه های زیر زمینی نیز از نقطه نظر اندرکنش خاک و سازه مورد بررسی قرار میگیرند.
اندرکنش دینامیکی خاک-سازه از مسائل مهم مهندسی زلزله بحساب میآید. پیچیدگی مسئله به علت طبیعت پیچیده و وجود دو حیطه محدود و نامحدود با ویژگیهای مکانیکی مختلف است. برای بررسی مسئله اندرکنش خاک-سازه میتوان از روش های عددی استفاده کرد. محققین برای مدل کردن حیطه نزدیک معمولاُ از روش عددی اجزای محدود استفاده میکنند. ولی مشکل اصلی، در مدل کردن حیطه نامحدود است. در صورتی که بخواهیم از روش اجزای محدود برای مدل سازی حیطه نامحدود استفاده کنیم حیطه دور باید به قدری بزرگ انتخاب شود که انعکاس موج رخ ندهد، این مطلب زمانی که با سازه های حجیم یا با مسائل سه بعدی مواجه هستیم، بیشتر اهمیّت پیدا میکند.
به همین دلیل محققین برای مدل کردن حیطه نامحدود، روی به استفاده از روش های عددی مختلفی که قادر به لحاظ کردن شرائط بینهایت و در نظرگرفتن میرایی تابشی باشد، آوردهاند. به عنوان مثال، این روش های عددی عبارتند از: روش اجزای مرزی، روش اجزای بینهایت و روش اجزای مرزی محدود مقیاس شده. هر کدام از روش
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های عددی مزایا و معایب خود را دارند، در واقع هیچ روشی بی نقص نیست.
برای بررسی لرزهای سازهای بنا شده روی محیط خاک نسبت به حالتی که سازه روی سنگ باشد، دو نکته مهم مورد توجه قرار میگیرد. اول، حرکات ساختگاه در غیاب سازه به شدت متاثر میشود. دوم، وجود سازه روی خاک در مقایسه با سنگ یا محیط صلب، باعث تغییر مشخصات دینامیکی سازه میشود. اندرکنش سازه با خاک اطراف آن باعث تغییراتی در تغییر مکانها، فرکانسهای طبیعی پی میشود.
روش هایی که دو اثر ذکر شده را در بر بگیرد، آنالیز آزاد و آنالیز اندرکنش خاک-سازه گویند. اندرکنش خاک-سازه همچنین برای حالتهای دیگر بارگذاری مثل: ارتعاشات ماشین به علت دوران جرم خارج از محور، ارتعاش زمین به علت بار ترافیک و غیره نیز بررسی میشود.
پاسخهای دینامیکی سازه های حجیم، مثل نیروگاه های هستهای، ساختمانهای با ارتفاع زیاد، سد و مخازن ذخیره مایعات به علت اثر اندرکنش خاک-سازه دچار تغییر میشوند. برای سازه های سخت و حجیم که روی بستر نرم قرار گرفتهاند، اثر اندرکنش خاک-سازه قابل توجه میشود. این پدیده ممکن است پاسخهای دینامیکی سازه را به طور فاحشی دچار تغییر کند. بنابراین اثرات اندرکنش برای طراحی و آنالیز سازه های واقع بر
4-1-13 بررسی سؤال سیزدهم …………………………………………………………. 87
4-1-14 بررسی سؤال چهاردهم …………………………………………………… 89
4-1-15 بررسی سؤال پانزدهم …………………………………………………………. 91
4-1-16 بررسی سؤال شانزدهم …………………………………………………………. 92
4-1-17 بررسی سؤال هفدهم ……………………………………………………………. 94
4-1-18 بررسی سؤال هجدهم …………………………………………………….. 95
4-1-19 بررسی سؤال نوزدهم …………………………………………………………. 97
4-1-20 بررسی سؤال بیستم …………………………………………………………….. 99
4-1-21 بررسی سؤال بیست و یکم ………………………………………………. 100
4-1-22 بررسی سؤال بیست و دوم …………………………………………………. 102
4-1-23 بررسی سؤال بیست و سوم ……………………………………………… 103
4-1-24 بررسی سؤال بیست و چهارم ……………………………………………….. 104
4-1-25 بررسی سؤال بیست و پنجم ……………………………………………. 106
4-1-26 بررسی سؤال بیست و ششم ……………………………………………….. 107
4-1-27 بررسی سؤال بیست هفتم ……………………………………………….. 109
4-1-28 بررسی سؤال بیست و هشتم ……………………………………………. 110
4-1-29 بررسی سؤال بیست و نهم ……………………………………………………. 112
4-1-30 بررسی سؤال سی ام …………………………………………………………. 113
4-2 آزمون فرضیه ها ……………………………………………………………….. 115
4-2-1 بررسی فرضیه اول ………………………………………………………………. 116
4-2-2 بررسی فرضیه دوم ………………………………………………………. 118
4-2-3 بررسی فرضیه سوم …………………………………………………………… 120
4-2-4 بررسی فرضیه چهارم ……………………………………………………….. 122
4-2-5 بررسی فرضیه پنجم ……………………………………………………….. 124
فصل پنجم : نتیجه گیری و پیشنهادات …………………………………………… 127
5-1 مقدمه ………………………………………………………………………. 128
5-2 فرایند پژوهش ………………………………………………………. 128
5-3 نتیجه گیری ………………………………………………………… 129
5-4 پیشنهادات …………………………………………………………. 131
5-5 پیشنهاد برای محققین آینده ……………………………………. 134
منابع و ماخذ داخلی …………………………………………………………. 135
منابع و ماخذ خارجی ……………………………………………………………. 139
پیوست …………………………………………………………………………. 142
چکیده:
با توجه به محیط رقابتی امروز، اهمیت برنامه های بهبود کیفیت به منظور دستیابی به کیفیت محصولات و خدمات، کاهش هزینه ها و افزایش کارایی بیش از پیش آشکار می شود. برنامه های بهبود کیفیت به منظور افزایش کیفیت محصولات و خدمات در صنایع کوچک به اجرا گذارده می شود که به علت ویژگیهای خاص این صنایع، استقرار این برنامه ها دارای محدودیتهایی می باشد.
پژوهشهای زیادی در داخل و خارج از کشور، عوامل موثر بر اجرای برنامه های بهبود کیفیت ( عوامل درون سازمانی و برون سازمانی ) را مورد بررسی قرار داده اند. از جمله این عوامل می توان بر حمایت مدیریت، آموزش، و فرهنگ سازمانی ( عوامل درون سازمانی )، فرهنگ جامعه، محیط پویا یا ایستا و وضعیت اقتصادی ( عوامل برون سازمانی ) اشاره کرد.
هدف از پژوهش حاضر بررسی تنگنا ها و مشکلات اجرای برنامه های بهبود کیفیت در شهرک های صنعتی شهرستان ارومیه می باشد. مطالعه از طریق آزمونهای آماری و با بهره گرفتن از نرم افزارهای آماری تحلیل گردید.
یافته های این پژوهش، فرضیه وجود رابطه بین تکنولوژی، نگرش مدیران و کارکنان، تخصص و محدودیتهای اقتصادی، با اجرای برنامه های بهبود کیفیت را تایید
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کردند. به عبارت دیگر پنج عامل تکنولوژی، نگرش مدیران و کارکنان به برنامه های بهبود کیفیت، تخصص مدیران و مسئولین کیفیت و محدودیتهای اقتصادی از عواملی می باشند که استقرار برنامه های بهبود کیفیت را به شدت تحت تاثیر قرار می دهند. در واقع نقص در این عوامل می تواند، از موانع اجرای برنامه های بهبود کیفیت محسوب شود.
فصل اول: کلیات
1-1- بیان مسئله
صنایع کوچک به عنوان استراتژی مهم برای کاهش بیکاری محسوب می شوند. همچنین این صنایع به علت ویژگیهای خاص آن از جمله انعطاف پذیری، رفتار خلاقانه و تصمیم گیری سریع که از مزیت های آن محسوب می شود. همچنین معایبی از جمله، محدودیتهای مالی و انسانی و اطلاعاتی، مورد توجه می باشند (Cemal Akyüz, Akyüz, Serin, Cindik,2006 ). استقرار برنامه های بهبود کیفیت در این صنایع نیازمند در نظر گرفتن این ویژگیها می باشد که ممکن است در راستای آن محدودیتها و مشکلاتی وجود داشته باشد.
بر اساس بررسیهای انجام شده رقابت فروشندگان و عرضه کنندگان یک محصول و یا خدمت به اشکال گوناگونی ظاهر می شود لکن مهمترین جنبه آن کیفیت است (فاطمی قمی، ۱۳۷۰). همچنین کیفیت یکی از مهمترین عواملی است که می تواند به عنوان عاملی مؤثر در کسب درآمد مورد نیاز صنایع و نهایتاً کشور تأثیر بسزایی داشته باشد (مهرگان، 1۳۷۹). سازمانها برای رسیدن به حد مطلوب کیفیت از برنامه های مختلفی از جمله بسترسازی فرهنگی، مدیریت کیفیت جامع، کنترل کیفیت آماری، روش QFD[1]، آموزش پرسنل و …استفاده میکنند. اجرای صحیح و مؤثر این برنامه ها در سازمانها، توأم با مشکلاتی است که سازمانها با آن درگیر می باشند.
بر اساس بررسیهای انجام شده از منابع داخلی، برنامه های بهبود کیفیت در داخل کشور بیشتر در زمینه خدمات(بانکها و بیمارستانها) و صنایع تولیدی بزرگ مورد توجه قرار گرفته است و اهتمام چندانی به اجرای این
درستی تعیین کند. با روشن شدن اهمیت تصویر سازی لرزه ای زیر سطحی در ابتدای بخش بالا دستی صنعت نفت، لزوم بدست آوردن تصاویر عمقی یا زمانی با کیفیت هر چه بیشتر و با نسبت سیگنال به نوفه بالاتر بر هیچ کس پوشیده نیست.
روش بر انبارش نقطه میانی مشترک همراه با تصحیح برون راند نرمال و تصحیح برون راند شیب برای نیل به چنین هدفی در فاصله ای نه چندان دور از ابتدای شروع فعالیت های اکتشاف لرزه ای ابداع گردید. ولی این روش در محیط هایی که با بازتابنده های پر شیب یا تغییرات سرعت جانبی مواجه هستیم، قادر به استفاده از تمام داده های سهیم در بازتاب از یک نقطه نمی باشد. در این گونه موارد استفاده از روش CRS به دلیل بهره گیری از اطلاعاتی شامل شکل بازتابنده ها (از قبیل شیب و انحنای بازتابنده) می تواند به عنوان راه حل مشکل مذکور تلقی شود. در هنگامی که بجای در نظر گرفتن یک سطح بازتاب روی بازتابنده، یک نقطه روی آن درنظر گرفته شود، روش CRS به یک حالت خاص که همان روش CMP است، تبدیل می شود. در این صورت مزیت روش CRS نسبت به روش CMP با در نظر گرفتن یک سطح بازتاب به جای یک نقطه بازتاب با آشکار کردن رخ دادهای بازتابی بصورت دقیق تر مشخص می شود. سطح بازتاب در روش CRS با بازه (Aperture) همانند تعیین بازه در روش های کوچ مشخص می شود. به منظور حفظ اعتبار معادلات تئوری پرتو در این مناطق، تعیین شرایط تفسیر سازی این الزام را ایجاب می کند که در مناطق با ساختارهای پیچیده از بازه کوچک تر استفاده شود. با هر چه کوچکتر کردن این بازه در ساختارهای پیچیده، مزیت این روش کم رنگ تر خواهد شد. روش هایی برای تصویرسازی مناطق پیچیده مثل روش های RTM و Gaussian Beam Migration (GBM)و CDS ارائه شده اند که هر کدام دارای مزایا و معایبی هستند که البته توسعه یا برطرف کردن آنها هدف اصلی در این تحقیق نمی باشد. در این تحقیق هدف اصلی بر طرف کردن مشکل مذکور (تصویرسازی در مناطق پیچیده) در روش CRS می باشد. این کار نه تنها در ایران انجام نشده بلکه در پردازش هایی که در سایر کشورها انجام شده نیز نتایج کار قابل اتکا نبوده اند. در مورد این تحقیق نیز علی رغم به دست آوردن نتایج بهتر ،ممکن
است نتیجه ایده ال یا آن چیزی که مطلوب نظر است حاصل نشود. در این پایان نامه روش برانبارش CO (برگلر،2001) بر اساس مفاهیم گرفته شده از روش برانبارش CRS برای تصویرسازی دو بعدی معرفی می شود. این روش بروی دادههای واقعی اعمال می شود و با روش برانبارش CRS مقایسه خواهد شد. روش برانبارش CO نیز نیازی به مدل سرعت ندارد وتنها سرعت لایه سطحی کفایت میکند. این روش مانند روش برانبارش CRSروشی مبتنی بر دادهها است و همچنین تمامی مراحل برانبارش بطور خودکار و با بهره گرفتن از آنالیز همدوسی انجام میشود. پنج پارامتر برانبارش در این روش توصیف کننده ی عملگر برانبارش CO است که مربوط به نشانگرهای جبههی موج هستند. در صورتی که لایه سطحی زیر خط لرزهای در دسترس باشد، این نشانگرها قابل محاسبه میباشند. در این روش علاوه برا اینکه کیفیت رخدادهای بازتابی افزایش مییابد، نشانگرهای مهمی از جبهه ی موج بدست میآید.
فصل اول: مقدمه
مقدمه:
تقریبا تمامی شرکتهای نفتی به تفسیرهای لرزه برای انتخاب سایتهای برداشت نفت اعتماد میکنند. بنابراین توجه بیشتر به بهبود بخشیدن مقاطع لرزهای امری اجتناب ناپذیر می کند. روشهای لرزهای به منظور مطالعات آبهای زیرزمینی، مهندسی شهری، تعیین سنگ بستر، سدسازی و راهسازی نیز بکار گرفته میشوند (شریف[1]، 1995).
تکنیک اساسی در روشهای لرزهای شامل ایجاد موج لرزهای و اندازهگیری زمان برگشت موج از بازتابندههای زیرسطحی توسط گیرندههای سطحی میباشد. گیرندهها معمولا بر روی یک خط مستقیم به نام خط لرزهای در نزدیکی چشمه لرزهای قرار میگیرند. زمانسیر موجهای بازتابی وابسته به خواص الاستیک لایههای زیرسطحی و همچنین موقعیت، جهتیابی و انحنای بازتابنده است. بنابراین میتوان با بهره گرفتن از زمان رسیدهای موجهای بازتابی اطلاعات مفیدی از لایههای زیرسطحی بدست آورد.
عموما پیش از اینکه دادهها تفسیر شوند، یکسری فرایند پردازشی باید بر روی دادههای برداشت شده اعمال شود. باتوجه به ایلماز[2] (1987) یکسری فرایندهای استاندارد به منظور آمادهسازی دادههای لرزهای به منظور تفسیر لرزهای وجود دارد. سه فرایند مهم پردازش واهمامیخت[3]، برانبارش[4] و کوچ[5] اساس پردازشهای معمول است. در این پایاننامه به مرحلهی برانبارش از فرایند پردازش پرداخته میشود. مقطع برانبارش اولین تصویر زیرسطحی را در اختیار مفسر قرار میدهد و همچنین داده ورودی برای مرحلهی کوچ پس از برانبارش را بدست میدهد.
با جابجایی آرایه چشمه و گیرنده در امتداد خط لرزهای دسته دادههای دارای همپوشانی بدست میآید. این دسته دادهها، وابسته به موقعیت چشمه گیرنده در روی خط لرزهای است. در نتیجه زمان رسیدها نیز وابسته به موقعیت چشمه و گیرنده است. پس از پردازش، از دادههای سه بعدی برای بدست آوردن تصاویر زیرسطحی دوبعدی استفاده میشود. برای پردازش، طبق معمول دادهها براساس نقطهی میانی مشترک میان چشمه وگیرنده و نیمدورافت (نصف فاصلهی بین چشمه و گیرنده) ذخیره می شوند. در این صورت دادههای دارای همپوشانی در فضای قرار میگیرند (مربوط به زمان رسیدها است) (برگلر، 2001 ).
متاسفانه دسته دادهها فقط شامل سیگنالها (هر رخدادی که به منظورکسب اطلاعات زیرسطحی ثبت میشود) نمیباشند، بلکه نوفهها نیز به همراه سیگنالها ثبت میشوند. نوفهها به دو دستهی همدوس و ناهمدوس تقسیم میشوند. در بیشتر طرحهای پردازشی فقط از بازتابهای اولیه استفاده میشود، بازتابهای چندگانه متعلق به نوفههای همدوس هستند. نوفههای ناهمدوس یا تصادفی قابل پیشبینی نیستند. یعنی نمیتوان از یک روی ردلرزه اطلاعات سایر ردها را تشخیص داد.
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نوفههای تصادفی بر اثر لرزش هایی که بوسیلهی باد در گیرنده و یا بوسیلهی قدم زدن یک جانور در نزدیکی گیرنده ممکن است ایجاد شود (برگلر،2001).
هدف از برانبارش، بالا بردن کیفیت سیگنالها و تضعیف نوفهها بوسیلهی جمع بستن رخدادهای همبسته[6] در دسته دادههای دارای همپوشانی است. عملگر برانبارش دورافت صفر[7]رخدادهای واقعی را در فضای در نزدیکی نقطه دورافت صفر تقریب میزند. این نقطه بطور فرضی و با فرض قرارگیری چشمه و گیرنده در یک نقطه در نظر گرفته میشود. نتیجهی برانبارش در امتداد عملگر برانبارش ZO را میتوان به نقطهی دورافت صفر نسبت داد. با قرارگیری تمامی این نقاط برانبارش در کنار هم، مقطع برانبارش دورافت صفر حاصل میشود. روش برانبارش ZO به روش برانبارش نقطهی میانی مشترک[8](CMP) و فرایند برونراند نرمال[9]/برونراند شیب[10] (NMO/DMO) معروف شده است. در روشهای معمول برای برانبارش نیاز به مدل سرعت دقیق میباشد. اشتباه در مدل سرعت باعث میشود که نتایج برانبارش قابل اتکا نبوده و تصویرسازی مطلوبی صورت نگیرد (بایکولوف، 2009 ). در سالهای اخیر روش برانبارش جدیدی معرفی شده که کیفیت مقطع برانبارش را از نظر نسبت سیگنال به نوفه و همچنین پیوستگی بازتابها بهبود بخشیده
3-4-1- بازنگری کلی…………………………………… 35
3-4-1-1- سنتیک ها – هیدرودینامیک ها…………………………………. 35
3-4-1-2- بازیابی…………………………………… 36
3-4-1-3- ترمودینامیک ها…………………………………. 36
3-4-2- تأثیر متغیرهای مرتبط با زغال روی فلوتاسیون………………… 40
3-4-2-1- خصوصیات فیزیکی وشیمیایی…………………………………… 40
3-2-2-1-1- اثرات کلی درجه و رتبه زغال………………………………….. 41
3-2-2-1-2 -تأثیرات منحصر بفرد پارامترهای درجه و رتبه………………. 44
3-2-2-2- خصوصیات سطوح………………………………….. 46
3-2-2-2-1- مشخصات سطح………………………………….. 46
3-2-2-2-2 اجزاء سطح………………………………….. 47
3-2-3- تأثیر متغیرهای سیستمی روی قابلیت شناوری………………….. 47
3-2-3-1- اندازه اجزاء…………………………………. 47
3-2-3-2- واکنشگرها…………………………………. 51
3-2-3-2-1- کف ساز ها…………………………………. 51
3-2-3-2-2- کلکتورها…………………………………. 51
3-2-3-3- چگالی پالپ…………………………………… 52
3-2-3-4- سلول همزن و هوادهی…………………………………… 53
3-2-3-5- مشخصات آب و PH……………………………………
3-2-4- گزینش پذیری…………………………………… 54
فصل چهارم:آزمایشات فلوتاسیون………………………………….. 58
4-1- مقدمه………………………………….. 58
4-2- تجهیزات و مواد………………………………….58
4-3- آزمایشهای فلوتاسیون مقدماتی…………………………………… 59
4-3-1- فلوتاسیون حجمی…………………………………. 59
4-3-2- سنتیک های فلوتاسیون…………………………………. 61
4-4- سنتیک های فلوتاسیون برای سایز بندی های مشخص…………… 64
4-4-1- آزمایشهای سنتیک آزمایشگاهی…………………………………… 64
4-5- بر هم کنش اندازه ها…………………………………. 67
4-6- نتایج و مباحثه پیرامون آزمایشهای مقدماتی صورت گرفته……….. 69
4-6-1- نتایج بدست آمده از آزمایشهای مقدماتی حجمی……………….. 69
4-6-2- تأثیر واکنشگرها…………………………………. 70
4-6-3- تأثیر چگالی پالپ…………………………………… 76
4-6-4- تأثیر دبی هوا…………………………………. 77
4-7- نتایج بدست آمده از آزمایشهای سنتیک مقدماتی…………….. 77
4-8- نتایج مقدماتی بدست آمده…………………………………. 80
فصل پنجم : نتایج آزمایشات سنتیک و مباحثه پیرامون آن………….. 82
5-1- مقدمه………………………………….. 82
این مطلب را هم بخوانید :
5-2- آزمایشهای سنتیک فلوتاسیون………………………………….. 82
5-2-1- بازیابی در مقابل زمان………………………………….. 82
5-2-1-1- تأثیر تراز واکنشگر………………………………….. 82
5-2-1-2- تأثیر اندازه ذرات…………………………………… 89
5-2-1-3- تأثیر مواد………………………………….. 91
5-2-1-4- مباحثه………………………………….. 93
5-2-1-5- وابستگی به ثابت سرعت…………………………………… 95
5-2-1-6- تأثیر تراز واکنشگر………………………………….. 95
5-2-1-7- تأثیر اندازه ذرات…………………………………… 98


